पापा, क्यों भौंकते हैं................ये कुत्ते ?
बात दसेक साल पुरानी है. मेरी बिटिया श्रद्धा ने पूछा-"पापा, क्यों भौंकते हैं................ये कुत्ते ?" जवाब क्या दूं सोच में पड़ गया. नन्हीं सी बिटिया को जवाब देने से इंकार भी तो नहीं कर सकता थी और न ही जवाब सोच पा रहा था . अक्सर बच्चों के पूछे गये सवालों को से अचकचाकर जवाब न होने की स्थिति में गार्ज़ियन्स इधर उधर की बात करने लगते हैं अपन भी तो आम अभिभावक ही हैं. अपने राम को ज़्यादा सोचने का न तो वक़्त था और न ही कोई ज़वाब जो बाल सुलभ सवाल को हल कर दे. अब आप ही बताइये क्या ज़वाब देता. फ़िर भी हमने छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध ब्लॉग लेखक श्री अवधिया जी के कथन को उत्तर बनाया :-" संसार में भला ऐसा कौन है जिसके भीतर कभी बदले की भावना न उपजी हो ? मनुष्य तो क्या पशु-पक्षी तक के भीतर बदले की भावना उपजती है। यही कारण है कि कुत्ता कुत्ते पर और कभी कभी इन्सान पर भी गुर्राने लगता है ।" पापा, क्यों भौंकते हैं................ये कुत्ते ? अब आप इस सवाल का विग्रह कीजिये एक ....पापा, क्यों भौंकते हैं .... .....? एक भाग है:.." पापा, क्यों भौंकते है