16.6.11

मेरा ईश्वर मेरे अन्दर...

अश्रु क्या है
कैलाश चंद्र शर्मा की कविता प्रस्तुत है

 






6 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सुन्दर गाया है...वाह!! आनन्द आ गया..

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

कविता और उसका सुमधुर गायन दोनों ही आनन्दविभोर करने वाले हैं.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

कविता और स्वर दोनों अतिसुन्दर हैं...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी है!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

BAhut hi Sunder prastuti....

Kailash Sharma ने कहा…

शब्दों को मधुर स्वर देने के लिये बहुत आभार अर्चना जी..

Wow.....New

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